कंगन संभाल के रखे हैं: दिल की धड़कनों को नगाल के रखे हैं - फुरकान एस खान की शायरी



1. सुना है वो कंगन संभाल के रखे हैं,

दिल की धड़कनों को नगाल के रखे हैं।


2. उनकी हंसी की चमक आसमानों को छू लेती है,

मेरे दिल को अपनी जान बना के रखे हैं।


3. उनके हर इशारे में एक कहानी होती है,

प्यार से झलकती हर मुस्कान संभाल के रखे हैं।


4. जैसे कंगन संभाल कर बांधी हों साथों को,

उनका हर कदम मेरे दिल के पास होती है।


5. खुदा से दुआ है उनकी खुशियों के लिए,

कि वो हमेशा खुश और सलामत रहे संभाल के।


6. और कंगन की चमक मेरे जीवन को रौशन कर देती है,

उनकी मुस्कान मेरे दिल को खुशियों से भर देती है।


7. सबसे खूबसूरत लगती हैं वो कंगनों में बंद,

प्यार की कहानी को जीने की वो वजह बनती है।


8. कंगन संभाल कर वो चलती है ज़िंदगी की रेल,

चाहे रुख मेरा जो भी हो, वो समर्थन बनती है।


9. तन्हा रातों में जब अकेलापन मेरे आता है,

कंगन संभाल के वो मेरे दिल को बहुत भाती है।


10. कंगन संभाल के रखे हैं वो, सुना है ऐसा है,

मेरे जीवन की एक प्यारी सी पहचान है वो जैसा है।


11. हम रोते बहुत हैं जब तुम्हे याद करते हैं,

दिल में उम्मीदें जगाते हैं, सपनों को संजोते हैं।


12. आंसू गम के अलावा कुछ कह नहीं पाते हैं,

सिर्फ खुदा से दुआएँ मांगते हैं, तुम्हें पाते हैं।


13. यादें हमेशा हमारे साथ बसी रहती हैं,

कभी मुस्काते हैं, कभी रुलाती हैं, टूटती हैं।


14. पल-पल तुम्हारी ख़ातिर दुआओं को मंजिल तक पहुँचाते हैं,

प्यार का इज़हार जताते हैं, तुम्हे याद करते हैं।


15. मैं जानता हूँ तुम्हारी आँखों में चुपी हैं दर्दों की कहानी,

हम तुम्हें समझ गए हैं, तुम्हारे बिना अधूरी हैं ज़िंदगी की कहानी।


16. उनकी हंसी के पीछे छुपी है जान मेरी,

आँखों में जगह बनाकर रखते हैं।


17. देखते हैं उनकी नज़रों में खुद को,

तुम्हारी चाहत को संभाल कर रखते हैं।


18. वादे तोड़ दिए हमने अपने रिश्ते के,

पर वो तेरे लिए रखे हर इक ख्वाहिश को।


19. तेरी यादों के गहरे समंदर में,

हम जी रहे हैं, खुद को बहाल कर के।


20. मुझे बेसब्री से इंतज़ार है उनका,

के वो मेरी हर बात को संभाल कर रखते हैं।


21. तेरी एक मुस्कान की प्याली में बसे हैं हम,

तेरे हर ख्वाब को संभाल कर रखते हैं।


22. इक चांदनी रात की तरह जगमगाती है वो,

हमारे रिश्ते को चुपके से महफूज़ रखते हैं।


23. उनकी हर आँखों में बसे हैं मेरे सपने,

तेरे ख्यालों को संभाल कर रखते हैं।


24. तेरी हर हंसी के लिए हम बने हैं फुरकान,

तेरे प्यार को संभाल कर रखते हैं।


25. इक चाहत की रिद्धिमा में हैं संग बिछे,

तेरे अदाओं को संभाल कर रखते हैं।


समाप्ति:

यह थी "कंगन संभाल के रखे हैं" शायरी की साझा कुछ पंक्तियाँ। यह इंसान के विशेष प्यार और समर्थन को दर्शाती है, जो उनके दिल को खुशियों से भरती है। उम्मीद है कि आपको यह शायरी पसंद आई होगी।


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